चक्रव्यूह's image
536K

चक्रव्यूह

चक्रव्यूह


है काल चक्र जो चल रहा मनुज पर

बन बीत रहा विषम प्रहर मनुज पर

जिस चक्र के व्यूह में फंसा मनुज है

उस व्यूह का कोई तोड़ नहीं है ।


अर्जुन है गांडीव नहीं है

सारथी है पर कृष्ण नहीं है

अनंत देवव्रत पर भीष्म नहीं है

असत्य से बढ़कर सत्य नहीं है

उस व्यूह का कोई तोड़ नहीं है ।


कर्म क्षेत्र अब समर क्षेत्र है

चहुँ ओर अब रण क्षेत्र है

शकुनि रूप लिए विदुर का

अब बन बैठा नीतिज्ञ है

इस व्यूह का कोई तोड़ नहीं है।


सैकड़ों द्रौपदी चीख रही है

उनपर जो कुछ बीत रही है

Read More! Earn More! Learn More!