सिया- यार पूजा मुझे ना अब कुछ समझ नहीं आ रहा है कि डायरी में ऐसा क्या पढ़ लिया उस बबुचक ने की मुझे इतनी बड़ी नौकरी दे दी
पूजा- यार तू हमेसा कहती है ना कि जब कुछ बुरा हो तो डरों मत ब्लकि उसका सामना करो फिर कुछ अच्छा जरूर होगा तू समझ ले कि तेरे साथ उस दिन बुरा हुआ था उसके बदले में आज अच्छा हो गया बस
सिया- ठीक है जो भी हो मुझे नौकरी तो मिली चलो by
सिया घर वापस आती है वो सोने की कोशिश करती हैं लेकिन उसे वो बात सोने नहीं देती की इतनी लड़ाई के वाद की कोई किसी को नौकरी कैसे दे सकता है उन्होंने मुझे नौकरी क्यों दी मुझे पहले ये जानना होगा
सिया अगले दिन ऑफिस जाती है और अभिषेक के आने का इंतजार करती है इतने में अभिषेक उसे अपने केबिन से देखता है और उसे अंदर बुलाता है
अभिषेक- अब क्या है
सिया- कुछ तो नहीं
अभिषेक- मुर्ख लड़की मेरा मतलब है कि अब तो तुम्हें नौकरी मिल गई ना फिर अब क्या है यहा क्यों बैठी हो जाओ जाकर अपना काम करो जाओ
सिया- नहीं मुझे यहां काम नहीं करना
अभिषेक- और वो क्यों महारानी जी
सिया- मुझे ये सवाल बहुत परेशान कर रहा है कि अपने मुझे नौकरी क्यों दी आखिर डायरी में ऐसा भी क्या था कि आप मुझे नौकरी देने के लिए मजबूर हो गए पहले मुझे ये बताओं तभी मैं यहां नौकरी करूंगी
अभिषेक- एक तो मैंने तुम्हें नौकरी दी ऊपर से तुम मुझसे ये सवाल पूछ रही हो
सिया- इतनी महाभारत बोलने से अच्छा था कि काम के दो शब्द ही बोल देते बताए मुझे नहीं तो मैं चली
अभिषेक- तुम्हारी डायरी लेकर मैं अपने दोस्त जय के पास चला गया और उसने तुम्हारी डायरी पढ़ ली उसे तुम्हारी सायरी और कवितायें अच्छी लगी और उसे एक writer की जरूरत भी हैं और तुम्हें writer बनना नहीं है तो मैंने सोचा कि वो तुम्हें नौकरी पर बुलाकर परेशान करे उससे अच्छा होगा कि मैं ही तुम्हें नौकरी पर रख लू इससे तुम्हारा भी नुकसान नहीं होगा और उसका फायदा भी रुक जाएगा
सिया- पर आप अपने ही दोस्त का बुरा क्यों चाहते हैं वो तो आपके दोस्त है ना फिर तो आपको उनकी मदद करनी चाहिए मेरी नहीं में तो आपके लिए अजनबी हूँ ना जो आदमी अपने ही दोस्त की मदद नहीं कर सकता उसे एक अजनबी की इतनी चिंता किस लिए
अभिषेक- बस कहने को दोस्त है वो मेरा जुबिन भाई की बजह से दोस्त कहता हूँ मैं उसे नहीं तो वो दुनिया का सबसे बड़ा दुश्मन है मेरा और सारी बाते जान ली है ना तुम ने अब जाओ और जाकर काम करो नौकरी छोड़ने का तो सोचना भी मत कम से कम एक महीने तक क्योंकि कल जो पेपर आपने साईन किए थे ना ऐसा उन्हीं में लिखा था कि आप एक महीने तक ये नौकरी नहीं छोड़ सकती है समझी आप अब जाओ अपना काम करो और मुझे अपना काम करने दो
सिया अपना काम करने लगत