प.माँ
तुम हरो पीर हमारी
माते
हरो पीर हमारी
ह्रदय कलुषित
मन है मैला
चले ना पग मनुहारी
कोई जतन करिये
माते
हरो पीर हमारी १.
हृदय पिपासा
मन में निराशा
कदम बढ़ाएं
हरदम बाधा
करूँ विनती में
तुम्हे माते
हरो पीर हमारी २.
तन गन्दा
मन विषैला
दिल संताप में डूबा
करूँ वंदना में