
आज फ़िर तेरी याद आयी है
सालों बाद जब भीड़ में एक
जानी पहचानी सी दिखी परछाई है
आज फ़िर तेरी याद आयी है
जाने किस चीज़ के नशे से हम पे
ये बेखुदी सी छाई है
आज फ़िर तेरी याद आयी है
के तेरा रूठ जाना गलती से भी
गंवारा नहीं हुआ करता था हमें
अब तेरी शक्ल को भी ना देखूं कभी
ऐसी मेरी रुसवाई है
के आज फ़िर तेरी याद आयी है
वो दिन याद कर जब तूने बारिशों में, दिल की बातें मुझसे कही थी
वो मंजर याद कर जब तू मुझसे, लिपटकर उस दिन खूब रोया था
वो वक़्त याद कर जब मेरे दिन, तुझी से शुरू हुआ करते थे
वो लड़की याद कर जिसकी कभी, तू ज़िन्दगी हुआ करता था
तोड़ी हर उम्मीद तूने, और तन्हा
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