कई दिनों से एक छोटी चिड़िया आँगन में आती है,
इधर कूदती, उधर उछलती मन हर्षित कर जाती है.
नीले काले पंख हैं उसके और चंचल सी आंखे हैं,
हाथ लगाने से मैली हो, ऐसी उसकी चितवन है.
तितली सी रंगत वाली वह यत्र तत्र मुस्काती है,
मानो अपने ही स्वरूप पर हर पल वह इतराती है.
मोहक सी उसकी छवि को मैं यूं ही देखा करती हूँ,
जैसे चंदा वो चकोर मैं ऐसे ताका करती हूँ.
झटपट उसका दाना ले कर मैं भी दौड़ी आती हूँ,
नए नए नामो से उस पर अपना प्यार जताती हूँ.
पा
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