शायरी तेरी मेरी's image
403K

शायरी तेरी मेरी

दिल तेरे दायरे से निकलता नहीं है क्यों 

आलम इसे गमों का अब खलता नहीं है क्यों ।।


क्यों झील सा ये ठहर गया है यहाँ ! ख़ुदा 

रस्तों पे ज़िंदगी के ये चलता नहीं है क्यों ।।


तन्हाई रास आने लगी क्यों इसे यहाँ

अब दे

Read More! Earn More! Learn More!