तब्सिरा करिएगा गैरो के ऐब ओ हुनर पे...
चाहते है इज्ज़त ओ मुक़ाम ए बलंदी तो
सर को खालिक़ के आगे झुका लीजिए,
गर है ख्वाहिश पाने की इल्म ओ हुनर
उस्तादों से बा अदब ही मिला कीजिए,
ज़िन्दगी के तजरुबे की हो दरकार जो
कुछ वक़्त बुजुर्गो के साथ बीता लीजिए,
तब्सिरा करिएगा गैरो के ऐब ओ हुनर पे
पहले ख़ुद को तो आईना दिखा लीजिए,
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