
वाह ! रे सियासत ए हिंदुस्तान
वाह ! रे सियासत ए हिंदुस्तान
तुझे दाँव पेच का खेल क्या कमाल आता है,
यूँ तो रहा करते है नदारद
आते ही चुनाव तुमको हमारा ख्याल आता है,
सबब पतझड़ का जो होता है
वही ओढ़े मौसम ए बहार की खाल आता है,
कर के तारीकियो के हवाले
राह दिखाने को
Read More! Earn More! Learn More!