
आया मौसम झूठे वादों का
फिर वो ख़्वाब नए बोने आएँगे,
हर किसी से फ़रियाद करेंगे
तरक्क़ी का सपना दिखाएँगे,
बर्बाद कर रहे देश को ज़ाहिल
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आया मौसम झूठे वादों का
फिर वो ख़्वाब नए बोने आएँगे,
हर किसी से फ़रियाद करेंगे
तरक्क़ी का सपना दिखाएँगे,
बर्बाद कर रहे देश को ज़ाहिल