मैं स्त्री's image
103K

मैं स्त्री

एक कड़वा सच है जीवन का,

जो शायद तुमको रास न आए,


मां जगदम्बा की पूजा करने में,

सारा दिन समर्पित करते हो,

और अपने ही घर की लक्ष्मी को,

वो इज़्ज़त देने से डरते हो,


तुमको नारी का रूप सिर्फ,

देवी में प्यारा लगता है,

एक आम नारी का जीवन सोचो,

कितनी कठिनाइयों से गुज़रता है,


पहले बाबा की छाव में,

रहना ही उसका जीवन था,

फिर पत्नी बन आई जब वो,

वो छाव रहा ना बचपन का,


तिनका जैसा भी मेरी बच्ची को,

कोई आंच नहीं दे सकता है,

ऐसा कहते थे बाबुल मेरे,

वो आंगन

Tag: और3 अन्य
Read More! Earn More! Learn More!