![Zindagi ki Kitaab's image](/images/post_og.png)
जिंदगी की किताब के सफे पलटून तो,
कुछ पन्नो पे उंगलियां चिपकती हैं,
पन्ना पलटने नही देती....
और पोरों के चिपकने से उन पन्नो के हश्र और बड़े हो जाते है
कुछ अजीज यादें कुछ तजरबे मुंह तकते है...
शायद चिढ़ाते है...
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जिंदगी की किताब के सफे पलटून तो,
कुछ पन्नो पे उंगलियां चिपकती हैं,
पन्ना पलटने नही देती....
और पोरों के चिपकने से उन पन्नो के हश्र और बड़े हो जाते है
कुछ अजीज यादें कुछ तजरबे मुंह तकते है...
शायद चिढ़ाते है...