चंद साल यहाँ बिताता है चला जाता है बशर
बड़े अरमानों के तिनकों से घर बसाता है बशर
हबीब भी और रक़ीब भी यहाँ बनाता है बशर
Read More! Earn More! Learn More!
चंद साल यहाँ बिताता है चला जाता है बशर
बड़े अरमानों के तिनकों से घर बसाता है बशर
हबीब भी और रक़ीब भी यहाँ बनाता है बशर