
आज-कल मैं अपने गांव में नहीं हूँ
गांव के बड़े-बूढ़े बच्चे अब भी मुझमें हैं!
उन गली मुहल्लों में अब मैं नहीं हूं
मग़र वोह गली - कूचे अब भी मुझमें हैं!
उस घर - आंगन में अब
Read More! Earn More! Learn More!
आज-कल मैं अपने गांव में नहीं हूँ
गांव के बड़े-बूढ़े बच्चे अब भी मुझमें हैं!
उन गली मुहल्लों में अब मैं नहीं हूं
मग़र वोह गली - कूचे अब भी मुझमें हैं!
उस घर - आंगन में अब