किसी के किरदार -ओ-अख़लाक़ का न तुम ज़िक्र करो
अपने ज़मीर और मे'यार की सदा जरा तुम फ़िक्र करो
बे-सबब बे-वज़ह तमाम
Read More! Earn More! Learn More!
किसी के किरदार -ओ-अख़लाक़ का न तुम ज़िक्र करो
अपने ज़मीर और मे'यार की सदा जरा तुम फ़िक्र करो
बे-सबब बे-वज़ह तमाम