
ग़ैर-मुस्तहकम मुआसरे में मुस्तहकम इन्सान हो नहीं सकता
मुस्तहकम इन्सान के बग़ैर मुस्तहकम समाज हो नहीं सकता
कल तलक जो काम अहबा
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मुस्तहकम इन्सान के बग़ैर मुस्तहकम समाज हो नहीं सकता
कल तलक जो काम अहबा