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मन की ख़्वाहिशें तो महज़ सपने बुना करती हैं

दस्तक और आवाज़ तो सिर्फ़ कान वालों के लिए है
ख़ामोश दिल की धड़कनें तो रूह सुना करती है,

जज़्बात की

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