मन की ख़्वाहिशें तो महज़ सपने बुना करती हैं's image
126K

मन की ख़्वाहिशें तो महज़ सपने बुना करती हैं

दस्तक और आवाज़ तो सिर्फ़ कान वालों के लिए है
ख़ामोश दिल की धड़कनें तो रूह सुना करती है,

जज़्बात की

Read More! Earn More! Learn More!