मैयत को तेरी अपनों ने तिरे मज़ार में उतार दी's image
114K

मैयत को तेरी अपनों ने तिरे मज़ार में उतार दी

ख़ुसूसियत रुह की हमेशा ही दरकिनार की
लिबास था ज़िस्म येह संवारने में उम्र गुजार दी

हवा हो गई हवा बेकार गई त

Read More! Earn More! Learn More!