आजकल जोतुम कुछ बहकगए लगते हो कहीं जज़्बातों में
कभीतुम किसतरह खोये रहते थे हमारी हसीं मुलाक़ातों में
आज-कल जो तुमको रह नहीं ग
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आजकल जोतुम कुछ बहकगए लगते हो कहीं जज़्बातों में
कभीतुम किसतरह खोये रहते थे हमारी हसीं मुलाक़ातों में
आज-कल जो तुमको रह नहीं ग