
हरदिन यहाँ पर कोई करिश्मा नहीं होता
मरकर कोई बशर फिर ज़िन्दा नहीं होता
हैं बहुत हयाते-मुस्तार के हिस्सेदार मग़र
सूखेहुए शजरपर कोई परिंदा नहीं होता
होने को तो दुनिया में सब-कुछ होता है
मग़र ग़रीब के जीने का सामां नहीं होता
ऐसीभी नहीं ख़ल्क़त म
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