
मकीं सो गया मकाँ बोलने लगे
दरो-दीवार के राजे-अयाँ खोलने लगे
लब कुशाई क्या हुई बशर अगर
बहरे सुनने लगे गूंगे जुबाँ खोलने लगे
डॉ.एन.आर.
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मकीं सो गया मकाँ बोलने लगे
दरो-दीवार के राजे-अयाँ खोलने लगे
लब कुशाई क्या हुई बशर अगर
बहरे सुनने लगे गूंगे जुबाँ खोलने लगे
डॉ.एन.आर.