इतने पुल इतने रस्ते हैं ।
फिर भी हम में दूरी क्यों।।
कसमें वादे सब सच्चे तो।
फिर अब ये मजबूरी क्यों।।
तुझसे जी भर बतियाने की।
मेर
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इतने पुल इतने रस्ते हैं ।
फिर भी हम में दूरी क्यों।।
कसमें वादे सब सच्चे तो।
फिर अब ये मजबूरी क्यों।।
तुझसे जी भर बतियाने की।
मेर