खुद्दार's image

सारे जहां से फुर्सत मिली
तब मेरी याद आई
गली, मोहल्ला, शहर
इन सब के बाद आई

तुझको अलविदा कहने के सिवा
और कोई चारा भी न था
इश्क किया था बस
मैं इतना आवारा भी न था

तेरी आंखों में जो था
वो पढ़ लिया मैने
मजब

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