तेरी ये बदगुमानी है जो मेरे लिए
मुझसे फिर एक ख़ता हो गई क्या
लिखने में जिसे दिन बीता मेरा
वो पैग़ाम पढ़े बिना सो गई क्या
मेरी बेताबी, इश्क़ की जमीं पर
कोई
Read More! Earn More! Learn More!
तेरी ये बदगुमानी है जो मेरे लिए
मुझसे फिर एक ख़ता हो गई क्या
लिखने में जिसे दिन बीता मेरा
वो पैग़ाम पढ़े बिना सो गई क्या
मेरी बेताबी, इश्क़ की जमीं पर
कोई