आवारा सावन's image

भटका भटका रहता इसका मन
कितना आवारा है ये सावन
जब मर्ज़ी आ जाता है
जब मर्ज़ी छुप जाता है
बस में नहीं इसके अनुचर घन
कित

Read More! Earn More! Learn More!