
देखो चल दिया बेटा बाप को लेकर
छोड़ने वृद्ध आश्रम में
कहता है परेशान बहुत करते हो तुम
अब नहीं संभलते हो मुझसे
तुम्हें रोटी में भी नखरे आते
हर वक्त बस जोर-जोर से हो चिल्लाते
घर का सुकून खत्म कर दिया है तुमने
मेरी बीवी को भी अब तुम नहीं भाते
कहता है, तुमने जो पाला हमको
वह तुम्हारा फर्ज था
एहसान नहीं किया तुमने हम पर
वह तो पिछले जन्म का कर्ज था
और वैसे भी अब कुछ काम करते नहीं हो
बस बैठे-बैठे तुम खाते हो
अब हम और नहीं पाल सकते तुमको
इसलिए तुम वृद्धाश्रम में ही रहो
दे देती मां आश्रम में साथ तुम्हारा
पर वह तो हो गई प्यारी रब को
वैसे और भी बूढ़े मां बाप है आश्रम में
तुम उनके साथ ही यहां पर रह लो
वहीं खड़ा बेटे का लड़का
सारी बातें था सुन रहा
देख कर दादाजी की हालत
वह भी पिता को बोल पड़ा
पापा तुम भी तैयारी कर लेना
अपने लिए भी एक कमरा बुक कर लेना
जो सुविधाएं लगती है तुमको
वह तुम पहले से ही लगवा लेना