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तुम फूल बनकर कभी महक न सकी , मैं भौंरा बन तुम्हारे करीब चक्कर लगाता रहा
तुम फूल बनकर कभी महक न सकी,
मैं भौंरा बन तुम्हारे करीब चक्कर लगाता रहा ।
तोड़ ले गया वनमाली पलभर में तुम्हें,
मैं दौड़ता पीछे तुम्हारे आता रहा ।
तुम
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