थकान के अरमान ऐसे
कि चाय हो बेवक्त की
हो घूंट-घूंट आरामदेह व
खबर दे हर सख्श की।
चिड़चिड़े हों पैर गर
डूबे रहें एक पात्र में,
झुरझुरी दे शी
Read More! Earn More! Learn More!
थकान के अरमान ऐसे
कि चाय हो बेवक्त की
हो घूंट-घूंट आरामदेह व
खबर दे हर सख्श की।
चिड़चिड़े हों पैर गर
डूबे रहें एक पात्र में,
झुरझुरी दे शी