"अकेले-दम"'s image
क्या हुआ? गर नफ़रती कोई अंधेरा कर गया,
लेकर मशाल प्रेम की, मैं राह तन्हा चल दिया।

आसाँ न थी कोई डगर, थीं वीरान सारी बस्तियाँ,
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