गजल - ना बस में है जिन्दगी's image
134K

गजल - ना बस में है जिन्दगी

ना बस में है ज़िन्दगी 
ना मौत पर काबू है उसका
फिर भी जाने क्यों
खुदा हुए जा रहा है

गुज़रता है जिन गलियों से
जिस गली जिस मोहल्ले से
सुबह की ताजी ख़बर
कोई हादसा हुए जा रहा है..

दिल में छुपा कर रखा था
एक मासूम सा बच्चा जो हमने
देखो ज़माने की भीड़ में
ना चाह कर भी बड़ा हुए जा रहा है

अजीब है ये दुनियां के रंग ढंग
Read More! Earn More! Learn More!