ख्वाहिश's image

जानता हूँ मन तुम्हारा भारी है,

एक बार मुझसे मन की बाँट लो।

तुम छुपकर मुझसे जाते हो,

मैं तेरी आहट पहचानता हूँ।

और, अकेले कितना आँसू बहाओगे,

एक बार इस काँधे को उस लायक़ तो स

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