
ज़ुल्म ऐसा है कि देखा नहीं जाता
दर्द ऐसा ही कि कोई इलाज नहीं
टूटे हुए को और तोड़ो न तुम कहीं
ये तो किसी दुश्मन का भी अंदाज़ नहीं
वो चैन से कमाकर रो
Read More! Earn More! Learn More!
ज़ुल्म ऐसा है कि देखा नहीं जाता
दर्द ऐसा ही कि कोई इलाज नहीं
टूटे हुए को और तोड़ो न तुम कहीं
ये तो किसी दुश्मन का भी अंदाज़ नहीं
वो चैन से कमाकर रो