
यहाँ जाने कितने रक़ीब हैं मेरे
क्या कहें जब यही नसीब हैं मेरे
मेरी हसरत भी नाज करती है
कितना प्यारा है तू हबीब म
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यहाँ जाने कितने रक़ीब हैं मेरे
क्या कहें जब यही नसीब हैं मेरे
मेरी हसरत भी नाज करती है
कितना प्यारा है तू हबीब म