साथ दो जरा
तो चलो अपने पंख लगाते है,
कब तक बैठे रहे हांथ पर हांथ
रख कर,
चलो आसमां की सैर कर आते है,
मैने सुना है, पंछियों से ऊंची उड़ान
इंसान की होती है
चलो हौंसले बुलंद कर आते है,
यह जमीन, बो फलक,
सब छोटे कर दें हम
अपनी मंजिल को छू कर,
इस दुनियां को दिखाते है,
यह माना के रास्ते, मुश्किल है,
चलें.... इन पंखों को,
मजबूत कर आते हैं,
आसमां से कहदो,
उड़ान यह जारी रहेगी,
आसमां से कहदो, उड़ान यह जारी रहेगी
क्योंकि हौंसलो को बुलंदी में
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