वो भी हमको मिल गया है क्या सितम है,
ग़म ही ग़म है क्या ही क्या है क्या सितम है।
देख ले इक मर्तबा तेरी तरफ़ जो,
रात दिन माँगे दुआ है क्या सितम है।
ज़िंदगी मेरी कहीं बस बीत जाए,
बे
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वो भी हमको मिल गया है क्या सितम है,
ग़म ही ग़म है क्या ही क्या है क्या सितम है।
देख ले इक मर्तबा तेरी तरफ़ जो,
रात दिन माँगे दुआ है क्या सितम है।
ज़िंदगी मेरी कहीं बस बीत जाए,
बे