कैसा यह अभिशाप है!
न जाने कैसा श्राप है!
जो बैठे सोचा करता,
वह कर्ता बन क्यों न करता।
क्यों पीडाओं में ख़ुद जकड़ता,
भगवन कैसी लीला है।
Read More! Earn More! Learn More!
कैसा यह अभिशाप है!
न जाने कैसा श्राप है!
जो बैठे सोचा करता,
वह कर्ता बन क्यों न करता।
क्यों पीडाओं में ख़ुद जकड़ता,
भगवन कैसी लीला है।
Read More! Earn More! Learn More!