
*मातृभूमि*
हर तरफ हाहाकार है,
अपने वजूद के लिए,
किसको फिकर है,
इस मुल्क के लिए,
अपने ही हाथों जला रहे मादरेवतन,
जिसको शहीदों ने खून दिया,
अपने वतन के लिए,
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*मातृभूमि*
हर तरफ हाहाकार है,
अपने वजूद के लिए,
किसको फिकर है,
इस मुल्क के लिए,
अपने ही हाथों जला रहे मादरेवतन,
जिसको शहीदों ने खून दिया,
अपने वतन के लिए,