जीवन सफर's image

मशरूफियो में बीता ए जीवन सफर,

मिला ठोकर यहां बनकर हम सफर,

खोया सब कुछ यहां अब ना कुछ भी यहां,

आशाओं की हर डोर अब टूटने लगी,

शाम ढलने लगी सांस थमने लगी,

कोई चाहत नहीं जिंदगी की रही,

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