
गजल "
हम तो हवा के झोंके है,
चलते है संभल-सभल कर,
दिल में जो खिची तस्वीरें,
उनकी खुशबुओं में रहते है,
हम मचल -मचल कर,
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गजल "
हम तो हवा के झोंके है,
चलते है संभल-सभल कर,
दिल में जो खिची तस्वीरें,
उनकी खुशबुओं में रहते है,
हम मचल -मचल कर,