![मेरी सहेली मेरी जैसी's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40meghakr2022/None/1668238791737_12-11-2022_13-09-54-PM.png)
मेरी सहेली मेरी जैसी
उसकी कहानी मेरी जुबानी,
जब मै अकेली थी, जब मैं भटकी थी
न कोई दूर था, न कोई पास था
दिल भरी थी, आखे गिली थी ।
कई बाते उमर रही थी,
लहरो सी दौङ रही थी ।
कोई ना था थामने वाला,
कोई ना था सम्भालने वाला।
तब भीङ की दुनिया में,
कोई मिली शांत सी दुनिया में।
वो यही थी , पर मैं बेखबर थी।
जब मैं उससे मिली,
हमारी कहानी जुङने लगी।
अकेलापन दूर हुआ, जैसे भोर भया।
परदे के पिछे की मुस्कान,
आज चेहरे की है सान।
अब हम है पक्की सहेली
उसकी कहानी मेरी जुबानी,
जब मै अकेली थी, जब मैं भटकी थी
न कोई दूर था, न कोई पास था
दिल भरी थी, आखे गिली थी ।
कई बाते उमर रही थी,
लहरो सी दौङ रही थी ।
कोई ना था थामने वाला,
कोई ना था सम्भालने वाला।
तब भीङ की दुनिया में,
कोई मिली शांत सी दुनिया में।
वो यही थी , पर मैं बेखबर थी।
जब मैं उससे मिली,
हमारी कहानी जुङने लगी।
अकेलापन दूर हुआ, जैसे भोर भया।
परदे के पिछे की मुस्कान,
आज चेहरे की है सान।
अब हम है पक्की सहेली
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