मेरी सहेली मेरी जैसी's image
405K

मेरी सहेली मेरी जैसी

मेरी सहेली मेरी जैसी
उसकी कहानी मेरी जुबानी,

जब मै अकेली थी, जब मैं भटकी थी
न कोई दूर था, न कोई पास था
दिल भरी थी, आखे गिली थी ।

कई बाते उमर रही थी,
लहरो सी दौङ रही थी ।
कोई ना था थामने वाला,
कोई ना था सम्भालने वाला।

तब भीङ की दुनिया में,
कोई मिली शांत सी दुनिया में।
वो यही थी , पर मैं बेखबर थी।

जब मैं उससे मिली,
हमारी कहानी जुङने लगी।
अकेलापन दूर हुआ, जैसे भोर भया।

परदे के पिछे की मुस्कान,
आज चेहरे की है सान।

अब हम है पक्की सहेली
Read More! Earn More! Learn More!