क्या ,लड़की होना बुरा है,
क्या ,लड़की होना गुनाह है।
लडकियो की भी आखे,
जैसे सबकी आखे ।
देखे दुनिया वैसे,
सब देखे जैसे।
फिर क्यो लड़की है अलग,
अपने ही मा- बाप के नजरो मे।
क्यो हम चले पिता के साथ,
क्यो हम चले पति के साथ,
क्या हमे अधिकार नही,
अपनी जिंदगी जीने
क्या ,लड़की होना गुनाह है।
लडकियो की भी आखे,
जैसे सबकी आखे ।
देखे दुनिया वैसे,
सब देखे जैसे।
फिर क्यो लड़की है अलग,
अपने ही मा- बाप के नजरो मे।
क्यो हम चले पिता के साथ,
क्यो हम चले पति के साथ,
क्या हमे अधिकार नही,
अपनी जिंदगी जीने
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