देश प्रेम सुनो सुनो भारत देश के प्यारे बच्चो,
और होनहार नौ जवानो।
देश प्रेम क्या है, अब तुम
कब और कैसे जानो।
लहुके हर कतरों से उन्होंने जब,
ये सुंदर बागको सींचा था।
तब जाके प्यारा तिरंगा
आस्माँ में लहराया था।
सौ सौ गोलियोंकी बौछारे
जालियावाला बागकी जुबानी थी।
मुठी भर नमक की खातीर बापुने
कुच करनेको ठानी थी।
खुब लडी मर्दानी, वह तो
झांसीवाली रानी थी।
इस जगमें हम सबको
कुछ सबक सिखाने आई थी।
सुभाषचंद्र बोसने जब ये
फानी दुनिया व्यागी थी।
लाल, बाल और पाल ने लोगो के
दिलमें जगह बनाई थी।
शहीद भगत सिंह नाम था जिसका
बसंती चोला पहना था।
मातृभूमिके कारण जिसने
अपना शिश गवाया था।
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