कुछ ऐसा हो ये बसंत
हर्षित मन हो, पुलकित हृदय
खुशियां मिलें अनन्त
कुछ ऐसा हो....
ऐसा हो मौसम का फेरा
फूलों का पहना हो सेहरा
अलियों-कलियों के मधुर प्रणय में
जीवन हो खुशियों का डेरा
खिले-खिले हों सबके चेहरे
हो दुःखों का अन्त
कुछ ऐसा हो.....
खेतों में सरसों यूँ खड़ी हो
Read More! Earn More! Learn More!