
जीना सिखाए जा रहा है – हिंदी कविता
दिन-बदिन,
तेरी आदत मुझको लगाए जा रहा है।
तुझे पाया नहीं अबतक,
तुझे खोने का डर सताए जा रहा है।
मेरे हाथों से छीनकर,
अपने हिसाब से जिंदगी चलाए
Read More! Earn More! Learn More!
जीना सिखाए जा रहा है – हिंदी कविता
दिन-बदिन,
तेरी आदत मुझको लगाए जा रहा है।
तुझे पाया नहीं अबतक,
तुझे खोने का डर सताए जा रहा है।
मेरे हाथों से छीनकर,
अपने हिसाब से जिंदगी चलाए