
तुमको ताब क्यों नही है क्यों बेताब हो तुम
जलने वालो बताओ क्या आफताब हो तुम
ये जर्जर गुम्बद तुम्हारी झुकती क्यों नही है
जिसमे कैद हैं दिवाने क्या वही बाब हो तुम
जन्नत के दरवाजों के रंग भी फीके लगते हैं
देवता की आंखों क
Read More! Earn More! Learn More!