नश्वर's image

जो मुट्ठी में दबाए जीते रहे,

बस जुड़ गए कुछ सिक्के खजाने में।

संजोने में और गंवाने में,

जमाने बीत गए जाने क्या कमाने में।।


अब जर्जर हैं वो आशियाने,

जो संवारे थे कभी खून पसीने से।

बिखर गए सब घर परिवार,

पाला था जिनको लगाकर सीने से।।


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