अहम वेग टकराती लहरें,
मौन किनारों का अभिनन्दन।
तट से सीखो साथ निभाना,
क्यूं क्षण भंगुर में करते क्रंदन।।
जब नाद हुआ मेघों का गर्जन,
कहीं बाढ़ त्रासदी कहीं झूमे उपवन।
पर जल की महिमा जग जन जाने,
तृष्णा में बरसो बन नीर संजीवन।।
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