चल आज रात कहीं चलते हैं,
किसी चाय की टपरी पर,
बस कुछ थोडी ही दूरी पर,
हंसी ठिठोली करते हैं।
कह दोगी तो दूर चलेंगे,
पर्वत नदियां जहां मिलेंगे,
रस्ते भर तू बातें करना,
चुगली चाटी राज खुलेंगे।
तू अपनी दुनिया भी ले चल,
मेरी तो दुनिया तू है, तू चल,
छोड़ काम की चिंता इस पल,
बाकी बचा जो करेंगे अब कल।
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