वीणापाणि का है जन्मदिन
हंस वाहिनी का है जन्मदिन
मिलकर हम सब मना रहे हैं
सारे ऋतुओ में प्यारा मौसम
पुष्प दिल को लुभा रहे हैं
मां भारती का है जन्मदिन
खुशियां हम सब मना रहे हैं
पुराने पत्ते भी गिर चुके हैं
नवीन पल्लव भी आ रहे हैं
पीली धानी ओढ़ा के चुनर
वसुंधरा को सजा रहे है
हंस वाहिनी का है जन्मदिन
मिल के हम सब मना रहे हैं
कोयल डालो पर कूकती है
आमो पर बौर आ रहे हैं
कलियां है सब खिलने वाली
भंवरे यूं गुनगुना रहे हैं
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