तुम्हारी कमी's image
160K

तुम्हारी कमी

आज फिर मौसम उदास था

आज फिर सीली हवा चली

फिर यादें मुझे छू कर गुज़री

आज फिर तुम्हारी कमी खली


आँखे कब से रीती पड़ी थीं

आज फिर थोड़ी

Read More! Earn More! Learn More!