
कंटीली राह में फूल बिछाए न कोई
क्यों काँटों पर मरहम रखते हो तुम
खाली तरकश लिए फिरते समर मेंRead More! Earn More! Learn More!
कंटीली राह में फूल बिछाए न कोई
क्यों काँटों पर मरहम रखते हो तुम
खाली तरकश लिए फिरते समर मेंRead More! Earn More! Learn More!